Friday, 13 September 2019

बस यूँ ही .....मन की बात ...

      ( 1)
     

     पागल प्रेम
     याद का मोती बनाए
      आँख के तले ।

        (2)
.  झूठा कागा
    पिया नहीं आए
    बरसी अँखियाँ ।
   
      
       ( 3)
      धूप ,छाँव
      कोयल का राग
      मेघा आए ।
 
      (4)

    चाँदनी बैठी 
    वृक्ष के नीचे
      मुख देखे चंदा का ।
   
       (5)
     
टप-टप ,टिप -टिप
  बूँदों का राग
   मन को भाए ।

  शुभा मेहता .

      

4 comments:

  1. हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।बहुत अच्छी क्षणिकाएं।बस ऐसे ही हिंदी की सेवा करते रहें हम।सदा खुश रहे और खूब लिखती रहे।

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  2. वाह बहुत सुंदर दी भावपूर्ण सृजन।

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  3. धन्यवाद श्वेता ।

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