देखो ,दिल वाला साबुन
महकता -सा ......
जैसे ही चेहरे पर लगाया
एक बडा़ -सा बुलबुला बना
उसमें तेरा अक्स दिखा
प्यारा -सा ....
फिर खेलने लगी मैं
उस बुलबुले से .
फूटा ....और कितने सारे
छोटे-छोटे बुलबुले
सभी में तू दिखाई दी
कित्ती सारी
छोटी -सी ,प्यारी सी
मुस्कुरा रही थी
मुझे देखकर
मैं भी टकटकी लगाए
देखे जा रही थी
फिर धीरे -धीरे
फूट गए सब बुलबुले ,
और तू फिर समा गई
मेरे दिल में ...
शुभा मेहता
28 th feb .2021
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी ।
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 28 फरवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद दिव्या जी ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (01 -03 -2021 ) को 'मौसम ने ली है अँगड़ाई' (चर्चा अंक-3992) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत-बहुत धन्यवाद अनुज रविन्द्र जी ।
Deleteमैम, आपने बहुत ही खूबसूरत शब्दों का मिश्रण किया है
ReplyDeleteकृपया हमारे ब्लॉग पर भी आइए आपका हार्दिक स्वागत है और अपनी राय व्यक्त कीजिए!
बहुत-बहुत धन्यवाद मनीषा जी ।जी ,जरूर ।
Deleteवाह! दिल को छूती दिल वाली अभिव्यक्ति आदरणीय दी।
ReplyDeleteसादर
धन्यवाद प्रिय अनीता ।
Deleteसुंदर भावों की मनोहारी कृति ..समय मिले तो ब्लॉग पर भ्रमण करें सादर ..नमन ..
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी । जी ,जरूर ।
Deleteकोमल भाव लिए अति सुंदर सृजन शुभा जी!
ReplyDeleteबहुत-बहि धन्यवाद मीना जी ।
Deleteशुभा , लगता है बुलबुलों में अपना अक्स ही दिख रहा था , । प्यारी अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद संगीता ।
Deleteबहुत सुन्दर और सार्थक रचना।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सर ।
Deleteबहुत सुन्दर रचना, कोमल और सहज भाव लिए
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteदिल को छूती बहुत सुंदर रचना, शुभा दी।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ज्योति ।
Deleteकोमल मनोभाव को समेटे सुंदर सृजन शुभा जी ,सादर नमन
ReplyDeleteबहुत -बहुत धन्यवाद सखी ।
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति दिल को छूती हर पंक्तियाँ !
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी सुंदर रचना , दिल वाला साबुन लाजवाब, बधाई हो
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteप्रिय शुभाजी , आपकी ही तरह बहुत प्यारी सी रचना | आपका ये अंदाज मन को भा जाता है | दिल वाला साबुन ! बहुत सुंदर !!!!!
ReplyDeleteवाह क्या बात है ...
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