कैसे हो .....
मेरे ब्लॉगर परिवार को नववर्ष की हार्दिक बधाई...🌷🌷🌷🌷
आज वर्ष का अंतिम दिन आ गया है ,सोचा अपने मित्रों के साथ एक सुंदर रचना सांझा करूं जो मुझे बहुत पसंद आई, आशा है आप सभी को पसंद आएगी ...सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा देती हुई ये गुजराती कविता ,जिसका हिंदी अनुवाद ,या फिर यूं कह सकते हैं कि मेरे शब्दों में प्रस्तुत कर रही हूं ............कवि हैं श्री ध्रुव भट्ट जी ।
अचानक जब कोई
रास्ते में मिल जाता है
और पूछता है ..
कैसे हो .....?
तो मैं कहती हूं
कि जैसे समुद्र की मौजें
हमेशा मौज -मस्ती में रहती हैं
मैं भी वैसी ही हूँ ..मस्त ..
और ऊपर से कुदरत की दया है ।
मेरी जेब भले ही फटी हुई है
पर उस जेब के कौने में
छलकती -महकती खुशी को रखा है
अकेली भी खडी होती हूँ
तो भी लगता है जैसे मेले में खडी हूँ
मेरे दिल की जो छोटी सी पिटारी है
जिसमें ताला नहीं लगा सकते
फिर भी खुशी का खजाना
सुरक्षित है ..।
जीवन में खुशी और दुख तो
आते -जाते रहते हैं
पर समुद्र कहाँ परवाह करता है
आती -जाती मौजों का
सूरज रोज उगता है ,अस्त होता है
पर मेरे सिर पर आकाश
हमेशा ही रहता है ..।
बहुत सुंदर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती रचना।
ReplyDeleteनव वर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
बहुत-बहुत धन्यवाद जिज्ञासा सखी ...
Deleteआने वाला समय सभी के लिए मंगलमय हो !
ReplyDeleteआपके लिए भी शुभ हो ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सखी संगीता जी ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी
Deleteनववर्ष मंगलमय हो सभी के लिए सपरिवार | सुंदर रचना|
ReplyDeleteधन्यवाद सुशील जी । आपको व आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
Deleteवाह, पढ़कर आनन्द आगया. खूबसूरत कविता.
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद गिरिजा जी व
Deleteजी दी,
ReplyDeleteआने वाला हर क्षण शुभ हो यही कामना करती हूँ।
नववर्ष मंगलमय हो।
सस्नेह
प्रणाम दी।
बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय श्वेता । स्नेह आशीर्वाद 🙌
Deleteबहुत सुन्दर मनमोहक रचना
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।
बहुत-बहुत धन्यवाद सखी सुधा जी ।
Deleteवाह! बढ़िया। नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!!!
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद विश्व मोहन जी ।
Deleteहमारी प्रिय शुभा जी सरीखी ही मासूम सी रचना!यूँ ही मस्त और स्वस्थ रहें यही कामना है।नववर्ष आपके लिये शुभ हो, मंगलमय हो 🙏🙏🌹🌹🌺🌺
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय रेणु जी । नववर्ष आपके लिए भी मंगलमय हो ।
Deleteवाह! बहुत सुंदर कविता और अनुपम अनुवाद
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद अनीता जी । नववर्ष मंगलकारक हो ..।
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