Friday, 16 December 2022

कैसी कट रही है जिंदगी ?

कैसी कट रही है जिंदगी ?
हां ,कट ही रही है 
  ककडी, गाजर ,प्याज ,मूली के सलाद सी 
   कभी ककडी कडवी सी निकल जाती है 
    कभी जिंदगी मूली -सी चरपरी  हो जाती है 
       कभी गाजर -सी मीठी 
         कभी-कभी प्याज के आँसू दे जाती 
          यही तो है जिंदगी ...।
     शुभा मेहता 

  23April,2023
  
 
 

3 comments:

  1. सही कहा शुभा जी ! कट ही रही है जिंदगी
    कभी खुशी कभी गमों के साथ ।

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  2. बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी ।

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  3. कम-से-कम मेरी तो आपकी इस बात से पूर्ण सहमति है। अब ये न पूछ कैसे कटे ज़िन्दगी के दिन; जैसे गुज़ार पाए, गुज़ारे चले गए।

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