समय-समय की बात है ,
आजकल शालाओं मे शेयरिंग डे मनाने है ,बच्चों को चीज़ें शेयर करना सिखाते है ।
और जब अगले दिन उनसे कुछ शेयर करने को कहो तो ,जवाब मिलता है-
कि वो तो कल ही था ,आज थोड़े ही है ।
और पहले बच्चे यह घर में ही सीख लेते थे
कयोंकि साथ होते थे ,बुआ,काका,भाई -बहन।
सब मिल बाँट कर खाते खिलाते थे ।
समय-समय की बात है ।
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