Wednesday, 14 August 2019

तस्वीर


पता है न ....
एक दिन तुम भी
टँग जाओगे
  तस्वीर में
  घर के किसी
   कोने में
   किसी खूँटी पर ..
   इसीलिए .....
    प्रेम बीज बोओ
      उन्हें प्रेम से पालो
       सींचो प्रेम से
       प्रेम फल पाओगे
        क्या धरा है
        झगड़े -लड़ाई में
         प्रेम बोओगे
         .सबके दिलों  मेंं
            रह जाओगे ।
      
     शुभा मेहता

29 comments:

  1. सही बात है एक न एक दिन तो सभी को दीवार के किसी कोने में टँगाना ही है तो क्यों न कोई ऐसा काम कर जाऐं जिसे लोग हर पल हर क्षण याद रखें लोग वाह बहन बहुत बड़िया सदा खुश रहे बहुत बहुत प्यार 👏👏😘😘😘💐💐😊😊😊

    ReplyDelete
  2. वाह! बहुत खूब। और एक दिन खूंटी सहित भहरा कर गिर जाएगी उस मकान के साथ भीत बन के, वह तस्वीर!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद विश्वमोहन जी ।

      Delete
  3. सींचो प्रेम से
    प्रेम फल पाओगे
    व्वाहहह
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद यशोदा जी ।

      Delete
  4. बहुत ही कमाल और उम्दा...अप्रतिम रचना...बधाई स्वीकारें

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत आभार आपका संजय जी ।

      Delete
  5. बहुत -बहुत धन्यवाद यशोदा जी । जी ,जरूर आऊँगी ।

    ReplyDelete
  6. वाह !बेहतरीन सृजन सखी
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।

      Delete
  7. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

      Delete
  8. वाह ! बेहद खूबसूरत सृजन ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।

      Delete
  9. प्रेम बीज ... सच है इनको बोयेंगे तो प्रेम की डाल ही पल्लवित होगी ...
    सुन्दर सृजन ... भावो का प्रवाह ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद दिगंबर जी ।

      Delete
  10. प्रेम बीज बोओ, प्रेम फल पाओगे।
    वाह क्या खूब लिखा।
    अति सुंदर।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।

      Delete
  11. प्रेम बीज...
    बहुत ही सुन्दर रचना
    वाह!!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

      Delete
  12. बहुत खूब सखी | सच है तस्वीर में ही बचेंगी एक दिन यादें -- बाकि सारा वजूद फ़ना हो जाएगा !!!!!!!सार्थक रचना जिसका संदेश बहुत गूढ़ है | सस्नेह --

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।

      Delete
  13. Replies
    1. बहुत -बहुत धन्यवाद ।

      Delete
  14. सच जो ऐसा बोयेगा वैसे ही काटेगा
    बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद ।

      Delete
  15. Ye khubsurat Shrishti ek khoobsurat jeevan jeene ke liye mili hai bas pyar batte chalo

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद नितिन भाई ।

      Delete