पता है न ....
एक दिन तुम भी
टँग जाओगे
तस्वीर में
घर के किसी
कोने में
किसी खूँटी पर ..
इसीलिए .....
प्रेम बीज बोओ
उन्हें प्रेम से पालो
सींचो प्रेम से
प्रेम फल पाओगे
क्या धरा है
झगड़े -लड़ाई में
प्रेम बोओगे
.सबके दिलों मेंं
रह जाओगे ।
शुभा मेहता
सही बात है एक न एक दिन तो सभी को दीवार के किसी कोने में टँगाना ही है तो क्यों न कोई ऐसा काम कर जाऐं जिसे लोग हर पल हर क्षण याद रखें लोग वाह बहन बहुत बड़िया सदा खुश रहे बहुत बहुत प्यार 👏👏😘😘😘💐💐😊😊😊
ReplyDelete,😊😊😊😊😊
Deleteवाह! बहुत खूब। और एक दिन खूंटी सहित भहरा कर गिर जाएगी उस मकान के साथ भीत बन के, वह तस्वीर!
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद विश्वमोहन जी ।
Deleteसींचो प्रेम से
ReplyDeleteप्रेम फल पाओगे
व्वाहहह
सादर
बहुत-बहुत धन्यवाद यशोदा जी ।
Deleteबहुत ही कमाल और उम्दा...अप्रतिम रचना...बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार आपका संजय जी ।
Deleteबहुत -बहुत धन्यवाद यशोदा जी । जी ,जरूर आऊँगी ।
ReplyDeleteवाह !बेहतरीन सृजन सखी
ReplyDeleteसादर
बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteवाह ! बेहद खूबसूरत सृजन ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।
Deleteप्रेम बीज ... सच है इनको बोयेंगे तो प्रेम की डाल ही पल्लवित होगी ...
ReplyDeleteसुन्दर सृजन ... भावो का प्रवाह ...
बहुत-बहुत धन्यवाद दिगंबर जी ।
Deleteप्रेम बीज बोओ, प्रेम फल पाओगे।
ReplyDeleteवाह क्या खूब लिखा।
अति सुंदर।
बहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।
Deleteप्रेम बीज...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना
वाह!!!
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
Deleteबहुत खूब सखी | सच है तस्वीर में ही बचेंगी एक दिन यादें -- बाकि सारा वजूद फ़ना हो जाएगा !!!!!!!सार्थक रचना जिसका संदेश बहुत गूढ़ है | सस्नेह --
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सखी ।
Deleteअति सुंदर
ReplyDeleteबहुत -बहुत धन्यवाद ।
Deleteसच जो ऐसा बोयेगा वैसे ही काटेगा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
DeleteYe khubsurat Shrishti ek khoobsurat jeevan jeene ke liye mili hai bas pyar batte chalo
ReplyDeleteधन्यवाद नितिन भाई ।
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