आज मैं बहुत खुश हूँ ,बताऊँ क्यों ?
बस चार दिन शेष हैं मेरी जिंदगी के .....😊
आप कहेगें ,अरे भाई .... जीवन समाप्त होने को है और तुम खुश हो ! हाँ ...बहुत खुश ....।
मैंने अपनी तीन सौ इकसठ दिन की अब तक की जिंदगी में क्या-क्या नहीं झेला ,सिर्फ़ बद्दुआएं ही आई मेरे हिस्से में , सभी को कहते सुनता हूँ ऐसा साल कभी न आए । अब चार दिन और झेलना है ।देखो सभी खुशी-खुशी मेरी विदाई की तैयारी कर रहे हैं ।
पर मेरा आप सभी से एक सवाल है ,इन सबमें मेरा क्या दोष है ? ये "वाइरस' जो मेरे साथ-साथ चला आया ,मेरे साथ क्या ये तो पहले से ही प्रवेश कर गया था ,मेरी बदनसीबी यही कि मुझे इसके साथ रहना पडा ..और इतनी बद्दुआएं झेलनी पडी ।
मुझे कितना बुरा लगता है ,जब बात-बात में मुझे ही कोसा जाता है ।मैंने भी चाहा था ,मेरे रहते चारों ओर खुशियाँ हों । मैंने कभी नहीं चाहा कि लोग परेशान हो ,अकाल मौत मरें ।
पर एक बात तो आप भी मानेंगे कि कुछ अच्छी आदतें भी सिखा कर जा रहा हूँ मैं ,मानते हैं न ?
अब जाते-जाते यही दुआ है मेरी ....आने वाला वर्ष आप सबके लिए खुशियाँ लेकर आए ,धरती पर फिर से खुशहाली हो ,मिलना-जुलना हो ..।
चलो अब चलता हूँ ।
आपका
2020 ..
शुभा मेहता
28th Dec ,2020
जाते हुए साल को प्रणाम।
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय ।
Delete२०२० को सच में इसी तरह याद रखेंगे ... पर इंसान को अपनी औकात दिखाने वाला साल भी यही माना जायगा ...
ReplyDeleteविदा २०२० विदा ...
धन्यवाद दिगंबर जी
Deleteबीते साल को दृष्टिगोचर करती सुन्दर पाती..सुन्दर सृजन..
ReplyDeleteधन्यवाद सखी ।
Deleteसच्ची पाती
ReplyDeleteबहुत-बहि धन्यवाद विभा जी ।
Deleteबहुत सुन्दर पाती । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteधन्यवाद सखी . आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सर ।
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी ।
Deleteबहुत बहुत सराहनीय , सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आलोक जी ।
Deleteजी वर्ष 2020 की शिकायत भी सही है। आपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं और बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद विरेन्द्र जी ।आपको भी नववर्ष की ढूरी शुभकामनाएँँ ।
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय सखी ।
ReplyDeleteसही बात है अच्छी आदतें भी सिखाकर जा रहा है..बहुत सुन्दर सच्चा पत्रमानवता के नाम...
ReplyDeleteवाह!!!
धन्यवाद सुधा जी ।
Deleteबहुत सुंदर पाती
ReplyDeleteधन्यवाद सखी ।
Deleteहार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteधन्यवाद ।
Deleteख़ूबसूरत और जज़्बाती ख़त लिखा है आपने शुभा जी गुज़रते हुए साल की तरफ़ से । और सच भी है, साल का क्या कसूर ?
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद जितेन्द्र जी ।
Deleteबहुत-बहुत धन्यवाद जितेन्द्र जी ।
Delete🙏नववर्ष 2021 आपको सपरिवार शुभऔर मंगलमय हो 🙏
ReplyDeleteआपको व आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।
Deleteप्रिय शुभा जी,
ReplyDelete💐🙏🏻💐 नववर्ष 2021 के आगमन पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏🏻💐
बहुत विचारपूर्ण सार्थक प्रस्तुति
सदैव इसी तरह ऊर्जावान सृजन करती रहें
पुनः हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
सस्नेह,
- डॉ. वर्षा सिंह
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ 💐💐💐💐💐
Deleteशुभा दी,बीते साल में जो कुछ हुआ उसमें साल का कोई कसूर नहीं है। ये तो इंसान की फिदरत है कि वो हर बास्त के लिए किसी न किसी को ड्योढ़ी ठहराता है। बहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद ज्योति ।
Deleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteसही बात है
ReplyDeleteवाह।
ReplyDeleteअब तो ये पत्र दो माह पुराना हो गया है । लेकिन पत्र के माध्यम से 2020 का दर्द स्पष्ट हो रहा ।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार ।