Friday, 18 April 2014

गपशप

सुबह का काम निपटा कर हम चारों सहेलियां अब शांति से बैठ कर चाय पी रहे है एकदम रिलैक्सड.......।
    सुना है सामने वाले घर में नये किराएदार आ गए है ।
   अच्छा... कौन है ?कहाँ से आए है ? बच्चे है या नहीं? अच्छा कैसी दिखती है ?अरे मैंने तो देखा ही नही ?
     अरे...साँस तो ले लो ।
      हाँ ,मगर मुझसे तो  रहा ही नही जाता ।
    चलो ठीक है वैसे भी मेरी तो आदत ही नहीं है किसी की पंचायत करने की  । मैं भली और मेरा काम भला  । चलो चलती हूँ ।
    उसके जाने के बाद-अरे देखो न ,कैसे दूसरों की पंचायत कर रही थी
हाँ ....उसकी तो आदत ही ऐसी है ।
   पर एक बात तो है नई पडौसन है बड़ी टिपटोप । लगता है उसका हसबैंड बड़ी कंपनी में काम करता है ।
  हाँ दो-दो तो गाडियां है ।
    चलो किसी बहाने मिलने चलते हैं ।
    अरे नही ।
      तभी माँ पूजा खत्म करके गाती हुई बाहर आई -मुझे कया काम दुनिया से .........
    चलो कल मिलते है ।

 

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