नन्ही चिड़िया पंख पसारे,
उड़ना चाहे आसमान में,
दूर-दूर तक क्षितिज के,
इस छोर से उस छोर तक ।
ममता कहती,ओ चिड़िया मेरी नन्ही
अभी तू है छोटी सी ,नाजुक सी,
ये दुनिया है जालिम बड़ी,
रहो अभी तुम आँचल की छाँव में मेरी,
उड़ना चाहे आसमान में,
दूर-दूर तक क्षितिज के,
इस छोर से उस छोर तक ।
ममता कहती,ओ चिड़िया मेरी नन्ही
अभी तू है छोटी सी ,नाजुक सी,
ये दुनिया है जालिम बड़ी,
रहो अभी तुम आँचल की छाँव में मेरी,
आ जाए जब ताकत इतनी
पंखों में तुम्हारे कि, उड पाओ एकल
गिद्धों से बचकर,
तब तुम उडना दूर-दूर तक ,
पंखों में तुम्हारे कि, उड पाओ एकल
गिद्धों से बचकर,
तब तुम उडना दूर-दूर तक ,
और पहुँचना मंजिल तक ।
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