सकारात्मक सोच का हमारे स्वास्थय पर गहरा असर होता है। सामान्य व्यक्ति मे रोज़ लगभग साठ हजार विचार आते है यानि कि प्रत्येक सेकेंड में एक विचार । ये विचार प्रेमभरे या फिर नफरत भरे हो सकते है, जिनका सीधा संबध ह्र्दय से होता है । दूसरे वो जिनका सम्बन्ध दिमाग से होता है जैसे घर या ओफिस का काम । जब हम अपने विचारों को कार्यान्वित नहीं कर पाते तब तनाव का अनुभव करते हैं और इसका सीधा असर हमारो श्वसन प्रणाली पर होता है और शरीर में स्थित चक्रों की गति में अवरोध उत्पन्न हो जाता है तथा शरीर को पोषण देने वाले पाँच तत्व असंतुलित हो जाते हैं और हमारा शरीर समबन्धित बिमारी से ग्रस्त हो जाता है। इसलिए अगर हम अपने विचारों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाएं तो हम एक स्वस्थ्य जीवन पा सकते है। साथ ही नियमित ध्यान व योग के नित्य अभ्यास से अपने विचारो की संख्या को नियंत्रित कर सकते है ।
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